लंदन। मौत से ऐन पहले जो महसूस होता है, उसकी क्या वजह है? यह सवाल अब तक अनसुलझा था, पर अब इसकी गुत्थी सुलझने लगी है। एक शोध के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि खून में कार्बन डाईआक्साइड का स्तर बढ़ जाने के चलते व्यक्ति को उन चीजों का एहसास होता है जो वह मौत से ठीक पहले करते हैं।
स्लोवेनिया में हुआ यह अध्ययन 52 वैसे मरीजों पर किया गया, जिनका दिल का दौरा पड़ने के बाद इलाज किया गया था। अध्ययन में पाया गया कि मौत के करीब होने का अनुभव करने वाले लोगों के शरीर में कार्बन डाईआक्साइड गैस का स्तर अधिक था। दिल का दौरा पड़ने के चलते जिन लोगों की मौत हो गई, उनमें से हर पांचवे व्यक्ति ने बताया था कि उन्हें वैसे अनुभव हुए थे जो मरने से ठीक पहले लोगों को होते हैं। इन अनुभवों में आंखों के सामने तेज रोशनी, चिर शांति, सुरंग के रास्ते तेज रोशनी की ओर यात्रा करने और मरे हुए लोगों से मुलाकात करने जैसे एहसास होना शामिल हैं।
मारीबोर विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता डा. जालिका के. केटिज ने कहा- हमने पाया कि जिन मरीजों को ऐसा अनुभव हुआ, उनके खून में कार्बन डाईआक्साइड का स्तर उन लोगों के मुकाबले थोड़ा अधिक था जिन्हें यह अनुभव नहीं हुआ। इसमें यह भी देखा गया कि मौत के करीब होने के एहसास का संबंध व्यक्ति की उम्र, लिंग, धार्मिक आस्था या दिल का दौरा पड़ने पर इलाज के दौरान दी गई दवाओं से नहीं
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